करो प्रण इस मंच पर, आज सामाजिक न्याय से आंख से आंख मिलाएंगे। करो प्रण इस मंच पर, आज सामाजिक न्याय से आंख से आंख मिलाएंगे।
यह बाल कलाकार भी तो इतने कम उम्र में काम कर रहे हैं! यह बाल कलाकार भी तो इतने कम उम्र में काम कर रहे हैं!
मरने से मुश्किल है साहिब सकूं से जीना यहाँ। मरने से मुश्किल है साहिब सकूं से जीना यहाँ।
अछूत हम तब भी थे और आज भी हैं तुम्हारी उन्हीं दूषित नजरों में। अछूत हम तब भी थे और आज भी हैं तुम्हारी उन्हीं दूषित नजरों में।
एक श्रमिक ही है जिसे उसकी मेहनत का सच्चा अंजाम नहीं मिलता एक श्रमिक ही है जिसे उसकी मेहनत का सच्चा अंजाम नहीं मिलता
देश को उन्नति की नहीं, दुर्गति की राह पर ले जाता है। देश को उन्नति की नहीं, दुर्गति की राह पर ले जाता है।